Monday, December 20, 2021
नफरत
Sunday, December 19, 2021
छोटे छोटे ख्वाब
छोटे छोटे ख्वाब हैं मेरे
छोटा है आशमां
छोटी सी है दुनिया मेरी
छोटे हैं अरमां
बड़ी बड़ी सी आशाएं हैं
बड़ा है दिल पर बोझ
बड़ी बड़ी जिम्मेदारी है
बड़ी हमारी सोच
छोटी छोटी ख्वाहिश मेरी
छोटी अभिलाषाएं
छोटे छोटे कदम बढ़ाते
पार करें बाधाएँ
बड़ी बड़ी बाधाएँ होंगी
बड़े से होंगे लोग
बड़े लगाएं अड़ंगे पथ में
करें वो तेरा भोग
छोटे समझ कर उनको तुम ना
ठेस लगे तो गिरना
तुम्हें गिराएं बार बार बन
चट्टान ना हिलना
छोटी अपनी गर्दन रखना
छोटी अपनी चाहत
बड़े बड़ों का मर्दन करती
अहंकार की आहट
सर ना कभी भी झुकने देना
और आँखें रखना नीचे
बड़ों को अपने इज़्ज़त देना
देख के छोटे सीखें
Saturday, December 18, 2021
पलकें ना झुकाएं मोहतरमा
Friday, December 17, 2021
दो पल की ज़िन्दगी
काली सोच
Thursday, December 16, 2021
रूही का तमस (Anger from someone who touches the heart)
Wednesday, December 15, 2021
दोस्ती
Tuesday, December 14, 2021
राधा संग काहे जिद करे कान्हा
Monday, December 13, 2021
भुला दे मुझको
इश्क़ नहीं मिटता
Sunday, December 12, 2021
इश्क़ की दिशा
जी लें आज
Saturday, December 11, 2021
परवाने
कसम खा ना रोएगा मेरी मोहब्बत को तोल कर
आ तुझे आज जीना सिखा दूं
दशकों की ज़िंदगी
Thursday, December 9, 2021
मुझे प्यार कर
ना समझ सका
ना कह सका
वो कह गईं
जो कहना था
जो था नहीं
तो गम है क्यों
मैं हूं यहां
पर गुम हूं क्यों
यहीं कहीं
पे दिल मेरा
चुरा लिया
दिया नहीं
कहा मुझे
मैं तेरी हूं
लिपट गई
वो सीने से
सिमट गई
वो सांसों में
यूं बंध गया
मैं जान कर
क्यूं रुंध गया
गला मेरा
जो वो गई
यूं छोड़ कर
भला बुरा
सब बोल कर
ना दिल धड़क
रहा मेरा
पर दिल तड़प
रहा है क्यों
क्यों ढूंढते
नयन मेरे
उन्हें अभी
भी भीड़ में
वो काश यूं हीं
फिर हसाए
या दिल करे
तो फिर रुलाए
या मुंह फुलाए
रूठ जाए
मैं मनाऊं
फिर उसे
लिपट के मुझसे
फुस फुसाए
कानों में
कोई प्यारी बात
बोल कर
मुझे चिढ़ाए
में चिढ़ जो जाऊं
आंखों से
वो आशिकी
दम भर सिखाए
हाय, रूक जा तू
ना जा कहीं
मेरे पास रह
मेरी जिंदगी
जी लूं तुझे
हर सांस में
पी लूं तुझे
फिर भी यूं ही
प्यासा रहूं
तेरी आस में
ना देर कर
आ जा अभी
मुझमें सिमट
मुझसे लिपट
लब को तेरे
लब से चिपट
हम इक बदन
हो कर रहें
इक दूसरे में
खो कर रहें
बस प्यार कर
मुझे प्यार कर
दीदार दे
दिलदार कर
मुझे प्यार कर ।
Wednesday, December 8, 2021
दिल के तार
कभी झनक झनक,
कभी खनक खनक
कभी हँस कर
आंखें मटक मटक
कभी गुस्सा बातों बातों में
कभी होठों पे मन का गुबार
कभी सीने से वो लिपट लिपट
कभी पकड़ो हाथ तो झिटक झिटक
कभी बातें होती सिसक सिसक
कभी सोती मेरे कंधे पर
कभी जाती फिर वो खिसक खिसक
कभी पुचकारे वो हिलस हिलस
कभी झट पट, खट खट खड़काती
कभी सिरहाने वो सरकाती
कभी प्यार से कानों में कुहु कुहु
कभी सीने में भर अंगारे
भड़के और भरती हुंकारें
कभी लबों को मेरे लब से सिल
कभी हिरणी बन चंचल चंचल
मनचली वो करती मनमानी
कभी मिलती कर सोलह श्रृंगार
कभी सामाजिक बंधन को पार
जब करती वो ये सब कुछ तो
समझो जुड़ गए हैं दिल के तार
समझो जुड़ गए हैं दिल के तार
समझो जुड़ गए हैं दिल के तार
Friday, November 26, 2021
आ गले लग जा
काश लिपटी रहे तू हमेशा यूं ही
और हम भी सिरहाने में सोए रहें
सांसें तेरी मेरी साथ यूं हीं मिले
जिंदगी की रवानी में बहते रहें
कभी मैं जो करूं तुझसे गुस्ताखियां
तू नाराजगी यूं हीं जताया करे
फिर मुझे माफ कर मेरे सीने से लग
मोहब्बत के धुन गुनगुनाया करे
जब तेरा मन करे मुझको तू याद कर
हम अकेले में वक्त गुजारा करें
नर्म आहें तेरी गर्म सांसें मेरी
यूं ही मिलकर जवानी बिताया करें
छोड़ कर दुनिया की सारी दस्तूर तू
बस यूं हीं मुझमें समाया करे
या खुदा तेरी नीयत का अंदाज तो
तेरी आंखें बयां यूं हीं करती रहें
काश लिपटी रहे तू हमेशा यूं ही
और हम भी सिरहाने में सोए रहें
Thursday, November 25, 2021
The Game of Love
Those who have witnessed will never doubt
Those who doubt must shout aloud
They will be silenced after they witness
It's a game of care, courage and fitness
Those who are fit, take the mental challenge
Those who challenge, make themselves cringe
They will be awed at rigour, love and strength
That the players possess in the love game at length
Those who get scared must kiss the game goodbye
Those who say goodbyes will miss the fun and cry
They will be hurt, ashamed and may have the fire within
Fire of love may burn, prepare to go in glory or in a coffin.
Wednesday, November 24, 2021
चाहत
ओस की बुंदों को मैं
पानी समझ गहरा था
जिस दिल से प्यास सदियों कि बुझती
उस पर तेरा पहरा था
पहरा हटा कर देख जानम
दुनिया बड़ी रंगीन है
दिल चुरा कर तोड़ने का
जुर्म पर संगीन है
जुर्म ऐसे हम न करते
दिल की देखी झांकियां
कर लो यकीं कि हम भी समझें
इश्क की बारीकियां
इश्क की बारीकियों को
समझे कोई सदियों तलक में
हम वो आशिक हैं जो
करते परख बस इक झलक में
इक झलक अब आप की
गर हुस्न की ओ मल्लिका
देख लें नज़रों से अपनी
तो छोड़ दें अट्टालिका
छोड़ दूं दुनिया को पीछे
हम अगर मिलते रहें
जिस्म हो या चाहतों के
फूल यूं खिलते रहें ।
Tuesday, November 23, 2021
खुशनुमा
खुशनुमा मौसम है, कहीं दिल खो गया है
Monday, November 22, 2021
मशरूफ
इस बेजुबान दिल पे रहम कीजे
होंठ जो अर्ज नहीं कर पा रहे
वो बिन कहे भी समझ लीजे
ये हमारी गुजारिश है जरा सुन लीजे
दीदार ए महबूबा हो ऐसी ख्वाहिश
है परवाने की, कभी रहम कीजे
नज़रों को जरा और पास आने दीजे
होठों को तकल्लुफ क्यों देना
सांसों से ही अर्ज किया कीजे
हर शाम हम पे दीदार की इनायत कीजे
दिल कह रहा है आप मशरूफ कहीं हों तो
हमें अपने पास हाजिरी को बुलाया कीजे ।
नज़र - ए - इनायत
कह दो ज़माने से दीवाने हुए हम
परवाने जलते थे कभी हम नहीं हैं कम |
सूरज निकलने से पहले दस्तक कई बार
खटखटाये दिल कि धड़कन और उनके द्वार |
मोहब्बत न कर बैठें ये डर उन्हें सताता
कोई उन्हें बताये हमें और कुछ न आता |
ये दिल की आग है जो बुझाये ना बुझे
लपटों में ज़िंदगी है कुछ सुझाये ना सूझे |
वक़ालत करें वो जम के डरती नहीं किसी से
अदालत हों शहर वाले या इश्क़ आशिकी के |
फ़िदा हैं उनपे हम भी बस इक नज़र कि प्यास है
होगी इनायत जल्दी यह जिगर को आस है |
Sunday, November 21, 2021
इश्क
लब उनके जब मेरे लबों से सिल गए
Saturday, November 20, 2021
जवानी
छोटी छोटी ख्वाहिशें,
छोटे हैं सपने
देख देख दिल खुश होता,
जब भी मिलते अपने
अलस सुबह की, चाय भगाती
लिपटे तुम, मेरे तन मन में
कैसे भगाऊं मोरी राधा
तेरी प्यास की अगन, कण कण में
वक्त मिले, होठों को अपने
मेरे होठों पर रख देना
प्यास लबों की बुझ ना पाए
धड़कन भी फिर तुम सुन लेना
मिलने दो अपने तन को मेरे तन से
सिहरन को बस चलने दो
जो तुफां है वो मचल रही
ना रोको उन्हें मचलने दो
बस दिन हैं चार जवानी के
फिर सोचें क्यूं, क्या सही गलत
जो दिल आए, वो कर डालें
दिन रात तू बस अब आ के लिपट ।
Friday, November 19, 2021
प्रेरणा
मैं, कौन हूं, क्यूं हूं, और कहां हूं
पूछूं, यही, इन फिज़ा, और हवा से
क्यूं, दिख रहा, ये शमा, गुलिस्तां सा
दिल, ये बता, तू मिला, है क्या उनसे
यूं, लग रहा, क्यूं मुझे, उनसे मिलकर
जैसे कोई, जाना जाना, सा हो
लेकिन कोई, बिलकुल ही, नया सा
धड़कन मेरी, बातें सुनती नहीं
आंखों में, उनके, मैं देखूं शरारत
हंसती वो, ऐसे कि, करना बयां
मुश्किल नहीं, मुमकिन हीं, नहीं हो
दिल अब बता, क्या करूं, इस खता का
वो हमसे, मिलकर, गले से लगाएं
या फिर, मुझे चूमें, मुस्कराएं
हर इक, पल, जिंदगी, कि ये मेरी
धड़कें, या फिर, धड़कने, सो जाएं
खुशियों, से, हम, भर जाएं
और बातें, कर, जाएं,
उनकी, बातें, सुनने, जाएं
पर, अपनी, कह, जाएं
जब, तक, साथ, रहें, वो, हम
बस, इतना, दिल, चाहें
हम, उनके, और, वो, मेरे
हो, कर, रह, जाएं
Thursday, November 18, 2021
श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि
माता को श्रद्धांजलि
देती उनकी कोख
बैठी स्वर्ग से देखती
देव सके ना रोक।
तृप्त है उनकी आत्मा
बच्चे अपने देख
पूरी हो गई ख्वाहिशें
थे जो एक अनेक।
रखना अपने पिता को
देख रेख में बेटी
आशीर्वाद रहेगा मेरा
ऐसा वचन में देती।
रिश्तों को कर दे माफ तू
रिश्ते होते हैं अटूट
अनदेखी कर गलतियां
जब बोलें भी वो झूठ।
दिल तेरा है सागर सा
माता को है ज्ञान
आसूं में बह जाने दे
मन में जो हो मलान।
Saturday, October 23, 2021
दिल की धड़कनें
रात अभी बाकी थी , सुबह को थामे,
चाँद अभी ठहरा था, ठहरी थी शामें,
ओस की बूंदें थीं, घासों के लब पर,
हमसे अलग हैं वो, हमको तलब कर |
कुछ तो था कहना, ऐसा है कहता
दिल मेरा, उनकी पनाहों में रहता,
पलकें उठाती, तो चलते थे खंजर
यूं मानो, हज़ारों ने छेदा हो पंजर।
न कह पाया अपनी कहानी ज़ुबां से,
फ़साने पुराने, या किस्से नवा से,
दिल की धड़कनें, धड़कती रहीं हैं,
शोलों की तरह भड़कती रहीं हैं।
हमारी कहानी कोई जी रहा है ,
मेरा अच्छा होना, मुझे पी रहा है,
वो खुश हैं, किसी और की ज़िन्दगी में,
रूह मेरी, बहानों में यूं घुल रहा है।