श्रद्धांजलि
माता को श्रद्धांजलि
देती उनकी कोख
बैठी स्वर्ग से देखती
देव सके ना रोक।
तृप्त है उनकी आत्मा
बच्चे अपने देख
पूरी हो गई ख्वाहिशें
थे जो एक अनेक।
रखना अपने पिता को
देख रेख में बेटी
आशीर्वाद रहेगा मेरा
ऐसा वचन में देती।
रिश्तों को कर दे माफ तू
रिश्ते होते हैं अटूट
अनदेखी कर गलतियां
जब बोलें भी वो झूठ।
दिल तेरा है सागर सा
माता को है ज्ञान
आसूं में बह जाने दे
मन में जो हो मलान।