लब उनके जब मेरे लबों से सिल गए
रंगीनियों में हम दोनो मिल गए
मुखरा उनका सुर्ख हो गया
गुस्ताखियों में फिर मैं खो गया
हाथ उनके मेरे कंधों पर
मेरे उनके कमरबंद हो गए
सीने से जब वो लग जाती हैं
सासें उनकी चढ़ जाती हैं
आंखों में उनके शैतानियां
मुझमें बिजली दौड़ाती हैं
मैं उनसे लिपट जाता हूं
जिस्म दोनो सिमट जाते हैं
घंटों वो हमसे लिपटी हुई
और मैं उनसे लिपटा हुआ
चीखें धीरे से मुस्कान में
मेरे कानो में कह जाती हैं
धीरे धीरे से करते रहो
तेज रफ्तार कभी बीच में
होता तो जिस्म कस जाते हैं
इश्क यूं हीं होता सनम
दो बदन में दिल फस जाते हैं