दोस्ती होती दवा है
और होती वो दुआ
दिल के जख्मों को ये भर दे
या उन्हें कर दे हरा
तेरे दिल में शक हो कोई
या हो कोई भी सवाल
बेधड़क ही पूछना है
दोस्ती की अच्छी मिसाल
मन में गहरे घाव हों तो
दोस्त को खुल कर बता
बिन बताये आजमाना
दोस्ती में है खता
धारणाएं पालने से
दोस्त ना बनते घने
दो घड़ी जो मिल ले उनसे
अपनों से बढ़ के बनें
दिल अगर लग जाए उनसे
दिल खुलासा कीजिये
दिल संभाले दोस्त गर तो
फिर भरोसा कीजिये
मन बड़ा हीं मनचला है
दैव हो कभी दुष्ट भी
दैव भावों को सम्भालो
दोस्ती में वो सही
दानवी भावों से जो गर
वचन बोलें दोस्त को
चुभती है वो बात सारी
दिल पे गहरी चोट हो
वक़्त दें गर बात बिगड़े
वक़्त हो सकती दवा
ग़लतफ़हमी दूर कर दे
या दोस्ती कर दे हवा
सामना कभी दोस्त से हो
गले से उनको लगा
बात दिल की बोल दें सब
दोस्ती हो मरहबा