क्या छुपी बात है जुबां पर ये बता दीजै
दिल कह रहा क्या जाएं कहां वो पता दीजै
हम तो आशिक हैं अश्कों से वफा कीजै
कभी दीदार करने वालों को ना दफा कीजै
उफ़ ये गुस्ताखियां हमारी हम से सभलती हीं नहीं
आशिक हैं आपके हमें माफीनामा दे दें कभी कभार कहीं
हुस्न तो होती हैं बाजार में भी बहोत ए शहजादी
पर आपके हुस्न पर फिदा है इस दिल की आजादी
कैद कर लें हमें अभी इस वक्त सजा दीजै
आपके इश्क में दीवाने हुए हम हमें विदा कीजै
शम्मा जलती है परवाने को जलाने को हीं
हम भी परवाने हैं हमें जलने की इजाजत दीजै