Thursday, December 9, 2021

मुझे प्यार कर

ना समझ सका 

ना कह सका 

वो कह गईं 

जो कहना था 

जो था नहीं 

तो गम है क्यों 

मैं हूं यहां 

पर गुम हूं क्यों 

यहीं कहीं 

पे दिल मेरा 

चुरा लिया 

दिया नहीं 

कहा मुझे 

मैं तेरी हूं 

लिपट गई 

वो सीने से 

सिमट गई 

वो सांसों में 

यूं बंध गया 

मैं जान कर 

क्यूं रुंध गया 

गला मेरा 

जो वो गई 

यूं छोड़ कर 

भला बुरा 

सब बोल कर 

ना दिल धड़क 

रहा मेरा 

पर दिल तड़प 

रहा है क्यों 

क्यों ढूंढते 

नयन मेरे 

उन्हें अभी 

भी भीड़ में 

वो काश यूं हीं 

फिर हसाए 

या दिल करे 

तो फिर रुलाए 

या मुंह फुलाए 

रूठ जाए 

मैं मनाऊं 

फिर उसे 

लिपट के मुझसे 

फुस फुसाए 

कानों में 

कोई प्यारी बात 

बोल कर 

मुझे चिढ़ाए 

में चिढ़ जो जाऊं 

आंखों से 

वो आशिकी 

दम भर सिखाए 

हाय, रूक जा तू 

ना जा कहीं 

मेरे पास रह 

मेरी जिंदगी 

जी लूं तुझे 

हर सांस में 

पी लूं तुझे 

फिर भी यूं ही 

प्यासा रहूं 

तेरी आस में 

ना देर कर 

आ जा अभी 

मुझमें सिमट 

मुझसे लिपट 

लब को तेरे 

लब से चिपट 

हम इक बदन 

हो कर रहें 

इक दूसरे में 

खो कर रहें 

बस प्यार कर 

मुझे प्यार कर 

दीदार दे

दिलदार कर 

मुझे प्यार कर ।