Thursday, December 16, 2021

रूही का तमस (Anger from someone who touches the heart)


मिले हम जब उनसे 
दिल में थी चिंगारी 
लिपट गए हमसे 
जो हमको हैं प्यारी 

आँखों में थी उनके 
तमन्नाएं सारी 
सीने की धड़कन भी 
थी हो रही भारी 

वो मेरे अपने हैं 
समझाया था दिल को 
यकीं से उनके पास 
बुलाया था मुझको 

अलग ना होना था 
दो पल को और मुझे 
यकीं तो हो जाए 
ख़याल थे उलझे 

जकड़ के रखा था 
मैंने तो बस यूं हीं 
ना जाने क्यूं लेकिन 
तमस में थीं रूही 

शायद वो गलती थी 
धड़कनों की मेरी 
पास था रहना पर 
क्या इज़ाज़त थी तेरी?

नज़र जो मिलतीं हैं 
तेरी निगाहों से 
अलग वो चाहें ना 
होना पनाहों से 

समझ भी जाने जां 
ना गुस्सा करना तू 
पास जब होती है 
दिल को मिले है सुकूं