बातें हुई जाती , कहीं थम जाये ना ये सिलसिला
मुलाकातें भी होंगी, मन माने क्यों ना भला
आँखें वो उनकी, जैसे झील में कमल
जब पलकें वो झुकाएं, लगे थम गया हो पल
धीमी धीमी धीमी, होठों से वो बोलें
रोकें इश्क़ कैसे, हो रहा हौले हौले
कैसे उनको मैं बताऊँ, इश्क़ हो रहा मुझको
ए दिल तू कर ले तसल्ली, और थाम ले खुदको
मुलाकातें भी होंगी, मन माने क्यों ना भला
आँखें वो उनकी, जैसे झील में कमल
जब पलकें वो झुकाएं, लगे थम गया हो पल
धीमी धीमी धीमी, होठों से वो बोलें
रोकें इश्क़ कैसे, हो रहा हौले हौले
कैसे उनको मैं बताऊँ, इश्क़ हो रहा मुझको
ए दिल तू कर ले तसल्ली, और थाम ले खुदको