Wednesday, April 10, 2019

गुल से गुलिस्तां है और तुमसे हमारी दुनियां

गुल से गुलिस्तां है, और तुमसे, हमारी दुनियां
हैं कमी मुझमें, और थोड़ी सी, है तेरी कमियां 

मिले हैं तन बदन, तेरे मेरे, ये सबको है खबर 
दिल के ज़ज़्बात, समझ मेरे, अब देर न कर 

गुल से गुलिस्तां है, और तुमसे, हमारी दुनियां
हैं कमी मुझमें, और थोड़ी सी, है तेरी कमियां 

लब मिले हैं, तेरे मेरी, लबों से जबसे
क्या कहूं आग है, ये कैसी, लगी है कबसे 

गुल से गुलिस्तां है, और तुमसे, हमारी दुनियां
हैं कमी मुझमें, और थोड़ी सी, है तेरी कमियां 

तेरे छूने से, उमरें ऐसे, अरमानों के मंज़र
न छुए जब मुझे, दिल में मेरे , चले हैं खंज़र

गुल से गुलिस्तां है, और तुमसे, हमारी दुनियां
हैं कमी मुझमें, और थोड़ी सी, है तेरी कमियां