आशिक़ी
उनके हंसने से है आशिक़ी
और सांसें मुस्कुराने से
आंखों के उनका भोलापन
तड़पाती हैं मुझे।
पलकों का यूं झपकाना
और भीगे भीगे होंठ
नकबाली तेरे नाक पर
बस खींचे तेरी ओर।
घायल हैं तेरे इश्क़ में
जानें कितने ही रांझे
ऐ हूर और ज़न्नत की परी
खूबसूरती तुझसे साजे।
उनके हंसने से है आशिक़ी
और सांसें मुस्कुराने से
आंखों के उनका भोलापन
तड़पाती हैं मुझे।
पलकों का यूं झपकाना
और भीगे भीगे होंठ
नकबाली तेरे नाक पर
बस खींचे तेरी ओर।
घायल हैं तेरे इश्क़ में
जानें कितने ही रांझे
ऐ हूर और ज़न्नत की परी
खूबसूरती तुझसे साजे।