Thursday, February 20, 2020

आशिक़ी

आशिक़ी

उनके हंसने से है आशिक़ी
और सांसें मुस्कुराने से
आंखों के उनका भोलापन
तड़पाती हैं मुझे।

पलकों का यूं झपकाना
और भीगे भीगे होंठ
नकबाली तेरे नाक पर
बस खींचे तेरी ओर।

घायल हैं तेरे इश्क़ में
जानें कितने ही रांझे
ऐ हूर और ज़न्नत की परी
खूबसूरती तुझसे साजे।