नाराजगी
काश की वो हमसे नाराज हो जाते
रूठ जाते, और मुँह फुलाते
चेहरे पर अपने, गुस्सा दिखाते
चाहत पे मेरी, मुँह फेर जाते
आँखें मटकाते और पलकें झपकाते
मुट्ठी को अपने कस के दबाते
पैरों को फिर वो पटकते, झिड़कते
गुस्से से गालों को सुर्ख कर जाते
मैं उनको मनाता , गा कर सुनाता
चाहत के अपने किस्से बनाता
धीरे से उनको बुलाता, बैठाता
आँखों में उनके मैं दुनिया बसाता
सीने से लगाता, मैं धड़कन सुनाता,
हाथों को उनके, मैं हाथों में मेरे,
रखता हमेशा , भरोसा दिलाता
तुम्हीं हो , जो दिल में धड़कता
है मेरे, तुमसे ही, मैं हूँ, चमकता,
थिरकता हुआ सा , किलकता
हुआ सा, वो मान जाती,
जब ऐसे मनाता, जब ऐसे मनाता।
काश की वो हमसे नाराज हो जाते
रूठ जाते, और मुँह फुलाते
चेहरे पर अपने, गुस्सा दिखाते
चाहत पे मेरी, मुँह फेर जाते
आँखें मटकाते और पलकें झपकाते
मुट्ठी को अपने कस के दबाते
पैरों को फिर वो पटकते, झिड़कते
गुस्से से गालों को सुर्ख कर जाते
मैं उनको मनाता , गा कर सुनाता
चाहत के अपने किस्से बनाता
धीरे से उनको बुलाता, बैठाता
आँखों में उनके मैं दुनिया बसाता
सीने से लगाता, मैं धड़कन सुनाता,
हाथों को उनके, मैं हाथों में मेरे,
रखता हमेशा , भरोसा दिलाता
तुम्हीं हो , जो दिल में धड़कता
है मेरे, तुमसे ही, मैं हूँ, चमकता,
थिरकता हुआ सा , किलकता
हुआ सा, वो मान जाती,
जब ऐसे मनाता, जब ऐसे मनाता।