Situation is such that the two lovers had a fight earlier and they have made up now. Memsaab had the problem with the saab that saabji does not look like Bachchan who could handle so many goons at the same time, neither is Saabji expert in playing Tennis or Badminton ... See what happens ... :) and how Saabji did it ...again ;)
झगड़े तो होते रहते हैं जब प्यार में हों दो दिल
चाहे हो गलती मेरी या गलतियां तुम्हारी
सच्ची तो बात ये है जी कि आप हैं हमारी
दूर जाने की फिर कभी बात यूं ना करना
जो गुस्सा मैं हो जाऊं तो हमसे ना तुम डरना
मैं बच्चन बन जाऊंगा दो चार महीनों में हीं
दस बारह गुंडे देख लूं फिर चार घूसों में हीं
क्या टेनिस क्या बैडमिनटन फूटबाल भी मैं सीखूं
मैदान कोई भी हो, हर चैम्पियन को देखूं
हाय कातिल मेरी, मेरी सच्ची बातें मानो
जिन्दगी नीलाम कर दूं, जो बाहें मेरी थामो ...
So what do you think happened next ??? Anyone's guess ... :D