Sunday, May 17, 2009

Tomorrow Will Be No Different (कल फिर से वही आलम होगा)

Another election in India is over and results are out. There will again be a government of uneducated, so called, leaders. They will again fail to bring in changes. There are just a few young faces in the list who will learn how "not to" develop the country and leave it at the mercy of foreign debt ... Alas, when will this end ...
कल फिर से वही आलम होगा
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आज जीत की खुशियाली है
कल फिर से वही आलम होगा
लोमड़ फिर से जमे हुए हैं
मजलिश में फिर मातम होगा

चार मरेंगे इस नुक्कड़ पर
और चौदह की बली चढ़ेगी
कल मरते थे कल भी मरेंगे
बाढ़ भूख की नहीं थमेगी

पाँच बरस पर दिखते थे वो
पाँच बरस पर ही दिखेंगे
रोटी कपड़ा छत की चाहत
कल थी कल भी वहीं रहेंगे

एक भगत हो कोई ऐसा
चुन चुन कर वो सबको मारे
और बुनें हम भारत ऐसा
इज्ज़त से सब नाम पुकारे ।

If You want you can listen to the poem in my voice ...