Tuesday, May 12, 2009

The Eternal Truth of Mortal Life (ज़िंदगी का कड़वा सच)

ज़िंदगी का कड़वा सच
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वो हवा से
बातें करता
जा रहा था

ठोकरों से
दुनियां को
भरमा रहा था

चर्चे उसके
हर तरफ़ हीं
हो रहे थे

लोग उसकी
बातें करके
खो रहे थे

क्या पता था
एक दिन है
उसको गिरना

दुनियां की है
ठोकरों मैं
उसको परना

हाय जालिम !
दुनियां ऐसी
क्यूँ बनाई

हर वो अपनी
चीज़ जो थी
है पराई

अपने उसके
आज बेगाने
हुए हैं

हर वो खूबी
जो थी कल तक
निगाहों पर

आज वो सब
बदले पैमाने
हुए हैं

सीखना है
ज़िंदगी से
आज उसको

पाठशाला वही
एक है
जो है चलता

समय की
पाबंदियों से
है परे वो

ख़ुद के अन्दर
जो हमेशा
झांकते हैं

दुनियां को
वो पारखी हीं
जानते हैं

ज़िंदगी की
सीख खट्टी
और मीठी

तपता रखे
आपबीती
की अंगीठी

भूल जाए
शत्रुओं को
याद रखे दोस्ती

वही सूरज
बढ़ता आगे
इस सदी औ हर सदी
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Life is typically hard with some people... specially with people who want to do things differently ...different from the regular accepted way of life ... They face a hell lot of troubles ...and during the days of hardships ...all his good qualities which people used to praise about turn into evils ... But he learns ...learns from every fall ...that's a REAL HUMAN BEING... He bounces back after learning ...and the best learning is that you should forget all such people who were against you ...and must remember all your good friends at all times ...Also remember all the difficulties you had and how you overcame them with limited or no resources ...all on your own ...

If you want you can listen to this poem in my voice ...