आठ बजे घंटों हुए
हुई बातें अरसों पहले
दिल की घंटी बजे टना टन
होठों से कुछ कह ले
कितना तड़पाओगे मुझको
कभी तो मिलने आओ
रोम रोम को छू लूं तेरे
सीने से लग जाओ
अधरों को लगने दो हमसे
तड़प हैं उनमें ऐसी
जाने दिल तेरा भी क्या ये
फिर हया करे ये कैसी ?