ऐसा ना हो जाय चली वो, दिल का खोल पिटारा
खोल पिटारा दिल का तू अब, ना कर इसमें देरी
खोने का डर सच्चा हो, जो बात ना तूने छेड़ी
बात जो तूने छेड़ी, तो फिर दो बातें बस तय हैं
हाँ बोले या ना बोले वो, दिल की तेरी जय है
दिल की तेरी जय है क्यूंकि, हाँ बोला यदि उसने

दिल उसका भी तेरा होगा, वो भी तेरे बस में
ना बोला जो उसने तुझको, चिंता क्यूँ है करता
जीतेगा, बस कृष्ण वही, जो कोशिश करता रहता