Saturday, October 19, 2019

अनजान

तेरी खुशबू मेरी सांसों में,
होनी थी पर यादों में है
तू मेरे पास होनी थी
पर ख्वाबों में है

बात तुझसे ही करनी थी
पर थी खामोशी
दोनों चुप चाप चले सड़कों
पर जैसे परदेशी

वक़्त को टाल दूं जो तेरा साथ
हमें मिल जाए
तेरे ख्वाबों को बना लूं अपना
जो तेरा दिल चाहे

ग़म थे सारे जो ज़माने के वो
हमने ले ली
ज़िन्दगी साथ तेरे जीनी थी
पर मौत मिली।

फिर से ज़िंदा तेरे मैं साथ
में होना चाहूं
दिल की धड़कन मैं मेरी
तुझमें खोना चाहूं।