ऐ जिन्दगी मुझे प्यार कर
इनकार नहीं इकरार कर
तू ना हो कभी मुझसे जुदा
अनचाहियों में या चाह कर
सीने में ज्वाला है मेरी
और प्यार के अंगार हैं
बस यूं हीं मेरे साथ रह
मुझ पे ये तू एतबार कर
बे-इन्तेहा चाहूं तुझे
शक हो ना तुझे इस बात पर
है साथ जब तक तू मेरे
मैं मौत को रखूँ थाम कर
तू ना हो कभी मुझसे जुदा
अनचाहियों में या चाह कर ...