तू आज का मालिक है ...
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आज की हीं ज़िन्दगी है, कल क्या होगा किसको पता ?
आज में जो तू जिया तो, कल का सूरज तेरा हुआ।
बीते कल की बात छोड़ो, हाथ मलके न कुछ होगा
आज की तारीख तेरी, इसमें तू कुछ कर के बता।
मान ले तू बात मेरी, आज यही बस कल होगा
कल कभी भी आज न हो, आज में जो तू बैठा।
दुनिया उनके पैर पकड़े, आज में जो हैं जीते
आज को पहचाने न जो, ठोकरों को वो पीते।
आज में तकदीर तेरी, आज हीं तस्वीर है
हर एक कल का तू है मालिक, आज गर तू धीर है ।
Listen to this poem in my voice ...